All Bihar SC/ST Doctors & Medicos Association

विद्या नाम नरस्य रूपमधिकं प्रच्छन्नगुप्तं धनं विद्या भोगकरी यश:सुखकरी विद्या गुरूणां गुरु:।

विद्या बन्धुजनो विदेशगमने विद्या परं दैवतं विद्या राजसु पूजिता न तु धनं विद्या विहीन: पशु:।।

संस्कृत शिक्षण शिविर

प्र्रतिवेदनम्
(निःशुल्कसाप्ताहिकं आवासीय-संस्कृत-प्रशिक्षणम्)
(06.04.2019 तः 11.04.2019 पर्यन्तम्)
माननीय कुलपति महोदय, कामेश्वर सिंह दरभड्.गा संस्कृत विश्वविद्यालय के निर्देशानुक्रम में राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, पटना में दिनांक 06.04.2019 से 11.04.2019 तक निःशुल्क साप्ताहिक आवासीय संस्कृत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन प्रधानाचार्य डाॅ॰ मनोज कुमार (राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, पटना) एवं डाॅ॰ अनिल कुमार ईश्वर, (प्रधानाचार्य राघवेन्द्र संस्कृत महाविद्यालय, तरेतपाली, पटना) के संयोजकत्व में सम्पन्न हुआ। उद्घाटन सत्र मेें माननीय कुलपति जी की उपस्थिति न होने के कारण प्रो॰ चन्देश्वर प्रसाद सिंह प्रतिकुलपति, कामेश्वर सिंह दरभड्.गा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभड्.गा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। मंचस्थ प्रो॰ उमेश शर्मा, पूर्व कुलपति का॰ सि॰ द॰ सं॰ वि॰ वि॰ दरभड्.गा प्रो॰ दयानाथ झा, स्नातकोŸार व्याकरण विभाग का॰ सि॰ द॰ सं॰ वि॰ वि॰ दरभड्.गा, डाॅ॰ रमेश झा आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, लगमा, डाॅ॰ रामेश्वरधारी सिंह संस्कृत महाविद्यालय अकबरपुर, कमांडर परमजीत सिंह, क्षेत्रीय निर्देशक, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान, पटना, डाॅ॰ मनोज कुमार प्रधानाचार्य, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, पटना एवं डाॅ॰ अनिल कुमार ईश्वर प्रधानाचार्य, राघवेन्द्र संस्कृत महाविद्यालय, तरेतपाली, पटना आदि ने भारतीय स्मिता से अभिन्नरूपेण संयुक्त संस्कृत भाषा के सम्भाषण एवं पठन-पाठन पर विशेष बल प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित, संस्कृत प्रशिक्षण शिविर की सफलता के लिए वक्ताओं ने साधुवाद की कामना की।
दिनांक 06.04.019 से कार्यक्रम समापन 11.04.19 तक विभिन्न संस्कृत महाविद्यालयों से आये हुए छात्र-छात्राओं ने नियमानुसार प्रातः जागरण, प्रर्थना, स्वस्तिवाचन, अल्पाहार, भोजन, शयन करते हुए भाषा का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस साप्ताहिक संस्कृत प्रशिक्षण शिविर में उपरोक्त विद्वानों के अतिरिक्त डाॅ॰ कुलानन्द झा (पूर्व कुलपति, का॰ सि॰ द॰ सं॰ वि॰ वि॰ दरभड्.गा), डाॅ॰ अरविन्द कुमार पाण्डेय (पूर्व कुलपति, का॰ सि॰ द॰ सं॰ वि॰ वि॰ दरभड्.गा), डाॅ॰ माण्डवी शाण्डिल्य (प्रधानाचार्य, संस्कृत महाविद्यालय, मन्दीरी, पटना), प्रो॰ प्रभा शुक्ला (पटना विश्वविद्यालय), प्रो॰ अखिलानन्द त्रिपाठी (पटना विश्वविद्यालय), डाॅ॰ भारती मेहता (अध्यक्ष, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड, पटना), डाॅ॰ गोरीनाथ राय (मगध विश्वविद्याालय), आदि ने कहा कि जनजन की भाषा संस्कृत होनी चाहिए। संस्कृत की रक्षा एवं इसके संवर्धन से भारतीय संस्कृत की रक्षा होगी जो सर्वथा देश के हित में है। प्रो॰ उमेश शर्मा ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रकाश के अभाव में पूरे विश्व में तम का साम्राज्य स्थापित हों सकता है

जगत् सर्वमिदं वै स्पादन्धेन तमसावृतम्।
संस्कृत ज्योतिषा नित्यं य दिनो भाषितं भवेत्।।

डाॅ॰ मनोज कुमार ने जोर देकर कहा ''जगति संस्कृत, संस्कृते च जगत्''। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में डाॅ॰ रामेश्वरधारी सिंह, डाॅ॰ रमेश कुमार झा, डाॅ॰ त्रिलोक झा, डाॅ॰ रामसेवक झा, डाॅ॰ श्रीमन्नारायण शर्मा, डाॅ॰ मनीष कुमार झा, डाॅ॰ मधुबाला सिन्हा, डाॅ॰ ज्योत्स्ना, डाॅ॰ मेधा मिश्रा, डाॅ॰ प्रियम्बदा कुमारी, डाॅ॰ परशुराम तिवारी, कुन्दन कुमार और विवक कुमार तिवारी ने भाग लिया।
समापन शिविर दिनांक 11.04.19 को सम्पन्न हुआ पूरे सप्ताह कार्यक्रम संचालन डाॅ॰ बालमुकुन्द मिश्र (प्रधानाचार्य संस्कृत महाविद्यालय, बख्तियारपुर पटना) एवं धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त रूप से डाॅ॰ मधुबाला सिन्हा (एसोसिऐट प्रोफेसर, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, पटना) के द्वारा सम्पन्न हुआ।

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