विद्यार्जन एवं व्यक्तित्व निर्माण के लिए बिहार राज्य के इस सर्वप्रमुख परम्परा वाले राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में प्रवेश पाने वाले आप सभी विद्यार्थियों के मंगलमय उज्जवल भविष्य की मैं परमपिता परमेश्वर से कामना करता हूँ । यह महाविद्यालय अपने शिक्षण स्तर, लब्ध- प्रतिष्ठ— विद्वान प्राध्यापकों तथा मेधावी और चरित्रवान् विद्यार्थियों की गौरवपूर्ण परम्परा के लिए विख्यात रहा है। मुझे विश्वास है कि अध्ययन रूचि, पाठ्येतर कार्य-कलापों में अभिरूचि, विनयशीलता, अनुशासन प्रियता, नीरक्षीर - विवेचन - वृति, उदात्तशील एवं आदर्श चरित्रों द्वारा आप इसकी महती समृद्ध परम्परा को अक्षुण्ण बनाए रखने का अपना कर्तव्य और दायित्व कदापि नही भूलेंगें। अनुशासन व्यक्ति के जीवन को पूर्ण बनाता है एवं उसे गुरूता भी प्रदान करता है। आप सामान्य जीवन यापन की सीख लेने भर के लिए इस महान संस्थान में नहीं आए है, बल्कि निश्चय ही आप के कुछ उदात्त उद्देश्य होने चाहिए। मेरा पूरा विश्वास है कि शिक्षोपरान्त आप लोग इस महाविद्यालय का गौरव बढ़ायेंगे ।